जिला - सीकर, नीम का थाना - सहसील
नदी - कांतली नदी के किनारे
समय - 2800 ईसा पुर्व
काल - ताम्रपाषाण काल (ताम्रपाषाण युगीन सभ्यता की जननी)
खोजकत्र्ता/उत्खनन कत्र्ता - 1977 आर. सी.(रत्न चन्द्र) अग्रवाल
उपनाम :-
1. ताम्र सभ्यताओं की जननी
2. ताम्र संचयी सभ्यता
3. पुरातत्व का पुष्कर
विशेषताएं :-
- यहाँ तांबा निकाला जाता था तथा शुध्द व् औजार बनाने के लिए बैराठ जाता था ।
- यहाँ से लगभग 2800 ई. पू. के अवशेष प्राप्त हुऐ है।
- यहाँ से पाषाण कालीन सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए है।
- मकान पत्थरों से निर्मित थे तथा सुरक्षा के लिए नगर के चारों ओर पत्थरों का परकोटा व पत्थरों का बांध बना हुआ था
- इस सभ्यता का विस्तार सीकर, झुंझुनूं ,जयपुर व भरतपुर तक था ।
- यहाँ से प्राप्त अधिकांश उपकरण ताम्बे से निर्मित थे। तथा तांबा अन्य स्थानों पर भी भेजा जाता था ।
- यहाँ से ताम्र निर्मित कुल्हाड़ी मिली है। शुद्ध तांबे निर्मित तीर, भाले, तलवार, बर्तन, आभुषण, सुईयां मिले हैं।
- यहाँ से कपिसवर्णि (मटमैला रंग) मृदभांड प्राप्त हुये है , जो छल्लेदार है ।
- यहाँ से मिट्टी का कलश , प्याले , हांड़ी, आदि बर्तन प्राप्त हुये है ।
- यहाँ से मछली पकड़ने के कांटे प्राप्त हुये है अर्थात यह लोग मांसाहारी थे तथा मछली खाने के शौकीन थे ।


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